बिना मूंछों की दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों को लेकर वसीम रिजवी ने बताया चरमपंथी, दिए हैं कई विवादित बयान

बिना मूंछों की दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों को लेकर वसीम रिजवी ने बताया चरमपंथी, दिए हैं कई विवादित बयान

MAHENDRA PRATAP
Publish: Jul, 08 2018 01:41:21 PM (IST)

अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले वसीम रिजवी ने बिना मूंछों की दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों पर कही है बड़ी बात

लखनऊ. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी अपने बयानों से अकसर चर्चा का विषय बने रहते हैं। कभी मदरसा तो कभी राम मंदिर पर बयान देने वाले वसीम रिजवी ने इस बार मुसलमानों की दाढ़ी और मूंछों पर कमेंट किया है। रिजवी ने कहा है कि दाढ़ी रखना इस्लाम में एक परंपरा है। लेकिन वे मुसलमान जो बिना मूंछ के ही दाढ़ी रखते हैं, वो दुनिया भर में आतंक का चेहरा बन गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना मूंछ के दाढ़ी रखने का मतलब लोगों में डर पैदा करना है।
वसीम रिजवी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। इससे पहले उन्होंने राम मंदिर, मदरसा और कई बातों को लेकर विवादित बयान दिया है।
वसीम रिजवी के चर्चित बयान
राम मंदिर निर्माण अहम मुद्दा
अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा काफी समय से विवाद का विषय बना हुआ है। मंदर को तोड़कर बनाई गयी मस्जिद पर वसीम रिजवी ने कहा था कि अयोध्या में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गयी है इसलिए इसे हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर बनने को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि देश में 9 मस्जिदें हैं, जिन्हें तोड़ कर मंदिर बनाया गया है। ऐसे विवादित स्थलों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। यही नहीं बल्कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को इस मामले में चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें उन्होंने राम मंदिर निर्माण कोे देश का अहम मुद्दा बताया था।
मदरसे बच्चों तो कट्टरपंथ की शिक्षा दे रहे
मदरसों को खत्म करने की पैरवी करने वाले वसीम रिजवी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि देश में संचालित मदरसों की शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ा जाए। पत्र लिखकर उन्होंने कहा था कि मदरसों में बच्चों को जो शिक्षा दी जाती है, वो निचले स्तर की शिक्षा है। इसी वजह से मदरसों में शिक्षा पाने वाले बच्चे समाज से दूर हटकर कट्टरपंथ की तरफ जा रहे हैं। इसलिए मदरसों को खत्म कर उनके स्थान पर एक सामान्य शिक्षी नीति बनाई जाए। उन्होंने पत्र में ये भी कहा था कि कुछ आतंकवादी मदरसों को मदद पहुंचा रहे हैं।
मदरसों को खत्म करने की बात पर वसीम रिजवी को जान से मारने की धमकी मिली थी। ये बात उन्होंने मोदी को दी चिट्ठी में लिखी थी। उन्होंने कहा था कि कुख्यात डी कंपनी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। उन्होंने कहा था कि दाऊद इब्राहिम के गुंडे फोन कर मौलवियों से माफी मांगने को कहा है। ऐसा न करने पर उनके परिवार को बम से उडा़ देने की धमकी मिली थी।
हलाला के नाम पर हो रहा शोषण
इस्लाम की आड़ में मुस्लिम महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर वसीम रिजवी ने कहा था कि हलाला का यह मतलब है कि अगर कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को तीसरी बार जायज तरीके से तलाक दे देता है, तो वह तलाकशुदा पत्नी उस व्यक्ति पर हरम हो जाती है। वह उससे दोबारा निकाह तब तक नहीं कर सकता जब तक कि उस महिला का किसी और से निकाह न हो जाए और उससे उसका तलाक न हो जाए।
उन्होंने कहा था कि इसका यह मतलब नहीं है कि तलाक देने वाला अपनी तलाकशुदा पत्नी का किसी दूसरे से निकाह खुद करवाए और दूसरे पति से शारीरिक संबंध बनवाने के बाद उससे तलाक दिलवा कर फिर दोबारा स्वयं निकाह कर ले। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कुछ मुस्लिम मुल्लाओं ने ज्यादा तर अपनी हवस के लिए हलाला को अय्याशी का वैध तरीका बना लिया है। उनका कहना है कि इस्लामिक सिद्धातों के अनुसार वह निकाह वैध निकाह नहीं है जो तलाक की नियत से किया जाए।
जब वसीम रिजवी को हटाने की मांग पर अड़े
वसीम रिजवी के बयानबाजी को लेकर उनके खिलाफ देश भर के उलमा लामबंद होकर हटाने की मांग पर अड़े थे। उन्होंने वसीम रिजवी के बयान की निंदा करते हुए योगी आदित्यमनाथ से उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।

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